मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥ राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । O the Son of Wind, You would be the destroyer of all sorrows. https://free-kundali00863.csublogs.com/42760029/what-does-hanuman-chalisa-mean